राग दरबारी book shorts
book shorts-गाव में वैद्य जी के चेलाओं की फ़ौज थी। चेलाओं में एक चेला थे, प्रिन्सिपल साहब, ये उसी सरकारी स्कूल के प्रिन्सिपल थे। स्कूल से ज़्यादा वैद्य जी के दरवाज़े पर इनका समय बीतता थे। स्कूल में बच्चों की हाजरी लगे या ना लगे, परंतु अपनी हाजरी वैद्य जी के दरवाज़े पर ज़रूर लगाते थे। इस चाटुकारिता के दम पर उन्होंने स्कूल में मास्टरों के पदों पर अपने रिस्तेदारो की फ़ौज खड़ी कर रखी थी।